कोरोना की महामारी ने पूरे विश्व को ही अपनी चपेट में ले रखा है। कोई भी देश चाहे वो कितना ही विकसित क्यों न हो कोरोना की कहर से नहीं बच पाया है। भारत में भी लॉक डाउन और पार्शियल लॉक डाउन के बीच जिंदगी गुजारते हुए लोगों को करीब 18 महीने से भी अधिक हो चुके है। अच्छी बात ये है की भारत ने खुद की वैक्सीन बना ली व एक अन्य वैक्सीन अस्ट्रज़ेनेका को भी प्रोडक्शन भारत में किया गया जिस वजह से काफी हद तक इस महामारी से लोगों को बचाया गया है। वैक्सीन काम पढ़ने पर रूस से स्पुतनिक वैक्सीन भी मंगवाई गयी और वक्सीनेशन की प्रक्रिया को और तेज़ी दी गयी। अब जब देश में एक 18 से 65 वर्ग और 65 से अधिक के वर्ग के अधिकाँश लोगों को वैक्सीन लग चुकी है तो अब बच्चोने के लिए कोरोना वैक्सीन की तैयारी चल रही है। Corona Vaccine For Kids विषय पर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ विरोलॉजी पुणे ने ये वयान दिया है है की बहोत ही जल्द बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी। अमेरिका आदि देशों में भी Corona Vaccine For Kids की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
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Corona Vaccine For Kids
एन आई वी पुणे की निदेशक डॉक्टर प्रिया अब्राहम ने बताय है की फिलहाल कोवाक्सिन 2 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों के लिए परीक्षण कर रही है। डॉक्टर प्रिया के अनुसार अभी तक के परीक्षण के परिणाम काफी संतोषजनक रहे है। उन्होंने ये भी बताया की Covaxin के साथ ही Zydus Cadila के वैक्सीन के भी आने के आसार है। अभी तक इन्ही दो वैक्सीन से बच्चों के कोरोना वैक्सीन की शुरुआत की जानी है। डॉक्टर प्रिय ने बताय की सितम्बर माह के अंत तक या अक्टूबर की शुरुआत तक बच्चों के लिए वैक्सीन आ चुकी होगी।
Jhonson & Jhonson Vaccine सबसे कमजोर
ताज़ा ख़बरों की माने तो अमेरिका में Jhonson & Jhonson Vaccine को इमरजेंसी के लिए ही अप्रूवल दिया गया था। Jhonson & Jhonson Vaccine ने भारत में बच्चों के लिए वैक्सीन ट्रायल के लिए भारत सरकार से इजाजत मांगी है। आपको ये बता दे की Jhonson & Jhonson Vaccine को अमेरिका में भी अभी तक बच्चों को वैक्सीन लगाने की इजाजत नहीं मिली है। अमेरिका में केवल Pfizer-BioNTech को ही बच्चों की वैक्सीन लगाने की इजाज़त अभी तक मिल पायी है। अमेरिका हेल्थ आर्गेनाईजेशन CDC और विभन्न न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट्स के मुताबिक भी जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन कोरोना के वैरिएंट्स के खिलाफ इतनी ज्यादा कारगर नहीं है।
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन सिंगल शॉट वैक्सीन है पर मौजूद डाटा के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन लगने के बाद भी एक बूस्टर शॉट की आवश्यकता अमेरिका में लोगों को पड़ी थी। जिससे ये साफ है की सभी मौजूदा वैक्सीन में ये सबसे कमजोर है।
अब क्यूंकि भारत सरकार ट्रेड आर्गेनाईजेशन का हिस्सा है तो विदेशी कंपनी को यहां ट्रायल करने की इजाज़त शायद मिल जाए पर विभिन्न वैक्सीन उपलब्ध होने पर ये पूरी तरह अभिभावकों की जिमेदारी होगी की वो अपने बच्चों के ये वैक्सीन देना चाहेंगे या नहीं।
नाक से दी जाने वाली वैक्सीन
डॉक्टर प्रिया ने ये भी बताया की नाक से दी जाने वाली वैक्सीन जेनोवा भी आने वाली है। ये mRNA बेस्ड वैक्सीन है जिसे भारत सरकार की तरफ से फंडिंग भी दी गयी है। नाक ने इनहेल करने वाली ये वैक्सीन अगर अच्छे परिणाम देती है तो ये वक्सीनेशन की प्रक्रिया को बहोत ज्यादा गति प्रदान कर देगी। पिछले माह ये अपने ट्रायल 3 फेज में थी।
National Institute of Virology
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ विरोलॉजी पुणे एक वायरस रिसर्च संसथान है। ये संसथान अभी इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अंतर्गत आता है। ICMR ने ही भारत देश में पूर्ण वक्सीनेशन के लिए भारत सरकार के साथ संयुक्त जिम्मेदारी उठा रखी है।
FAQs
सितम्बर माह के अंत तक या अक्टूबर माह की शुरुआत में।
Covaxin और Zydus Cadila
Covaxin बच्चों के लिए पूरी तरह सेफ होगी।
बच्चों को दो चरों में वैक्सीन लग सकती है पहले चरण में 12 से 18 वर्ष के बच्चे। अगले चरण में 2 वर्ष से ऊपर के बच्चे।
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