भारत की सबसे प्रतिष्ठित प्रत्योगी परीक्षा में से एक NDA की परीक्षा में हर एक भारतीय शामिल होना चाहता है व देश की सेवा करना चाहता है। पर अभी तक इस प्रतियोगी प्राइसखा में केवल पुरुषों को मौका दिया जाता था व महिला इसमें हिस्सा नहीं ले सकती थी। महिलाओं द्वारा इसे लिंग भेदभाव बताये जाने की वजह से ये मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुँच गया जिस पर भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है NDA परीक्षा में अब फीमेल कैंडिडेट भी ले सकेंगी हिस्सा। Supreme Court ने कहा Female Candidate Allowed in NDA एग्जाम।
5 सितम्बर 2021 को NDA की परीक्षा होनी है।
भारतीय सुप्रीम कोर्ट के पास जब NDA में महिला कैंडिडेट को शामिल न करने की बायत पहुंची तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे महिलाओं के साथ अन्याय बताते हुए NDA व सेना को इसके कारण बताने का नोटिस भेजा। NDA ने इसे इंटरर्नल पालिसी बताया और कहा की महिलाओं को NDA में न शामिल करना एक सोच समझा फैसला है और वो इसे नहीं बदलना चाहते। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सेना व NDA को ये कहा की उनका ये फैसला लिंग भेदभाव को बढ़ा सकता है अतः उन्हें महिलाओं को भी सेना में सेवा करने का अवसर प्रदान करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा की 5 सितम्बर को होने वाली NDA परीक्षा में महिलाओं को अप्लाई करने के बारे में सेना को विचार करना चाहिए और इस पुराने नियम को बदलने की जरुरत बताई। आज सभी सेक्टर में महिलायें पुरुष से कन्धा मिला कर आगे बढ़ रही है तो देश की सेवा कैसे केवल पुरुषों के कन्धों पर छोड़ी जा सकती है। इस देश को विस्वास है जिस तरह महिलाओं ने इंजीनियरिंग चिकित्सा विज्ञान कॉमर्स स्टार्टअप्स स्पोर्ट्स आदि में परचम लहराय है उसी प्रकार इस सेना और देश की रखा करने में भी महिलायें कही पीछे नहीं रहेंगी और और नए कीर्तिमान हाशिल करेंगी।
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