5000 नोटरी अधिवक्ता मिलेंगे प्रदेश को, हर जिले को लगभग 66 नए अधिवक्ता
उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार आयी तब से न्यायिक कार्यों ने तेज़ी आ गयी है। अब इस तेज़ी को और भी ज्यादा गति प्रदान करने लके लिए योगी सरकार ने नया फैसला नीला है जिसके तहत उत्तर प्रदेश में अब नए 5000 नोटरी अधिवक्ता की भर्ती की जायेगी। उत्तर प्रदेश में अभी तक 2625 नोटरी अधिवक्ता ही थे और उन्ही के माध्यम से नोटरी का काम चल रहा था। उत्तर प्रदेश सरकार ने नोटरी अधिवक्ता की अतिरिक्त 5000 पद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। जिसे केंद्र सरकार ने मंजूर भी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश 75 जिलों वाला देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रदेश है। उत्तर प्रदेश के न्याय मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने बताया की प्रदेश जी जनसंख्या व न्यायालयों की संख्या में वृद्धि हुई है जिसकी वजह से न्यायिक कार्य में भी बढोतरी हुई है। इस बढे हुए वर्कलोड को सही तरह से मैनेज करने के लिए नए अधिवक्ताओं की भी जरुरत है। इसी से सम्बंधित चर्चा उन्होंने केंद्रीय विधि मंत्री से मिलने पर की थी। जिस केंद्रीय मंत्री ने भी अपनी सहमति जताई है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को ये भी बताया की नोटरी अधिवक्ताओं की कमी की वजह से जनता को कठिनाई का सामना करना पढ़ रहा है व न्यायिक कार्य में भी देरी आ रही है। अगर नोटरी अधिवक्ताओं की संख्या बड़ा दी जाए तो न्यायिक कार्य को भी तेजी मिलेगी व युवाओं को भी रोजगार का अवसर प्राप्त हो सकेगा। जल्द ही इस से सम्बंधित पद उत्तर प्रदेश जिले में देखने के लिए मिल सकते है।
उत्तर प्रदेश में नए कोर्ट
- उत्तर प्रदेश में नए 110 परिवार कोर्ट का गठन किया गया है।
- उत्तर प्रदेश में तेज़ी से सुनवाई करने के लिए 220 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया है।
- प्रदेश में बच्चों के खिलाफ अपराबद्ध व यौन उत्पीड़न को लेकर १२० नए पॉक्सो (पोक्सो) कोर्ट का गठन किया गया है।
- प्रदेश में नए 13 कमर्शियल कोर्ट भी खोले गए है जो की व्यापार सम्बन्धी मामलो की सुनवाई करेंगे।
- उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले में mp -mla कोर्ट का भी गठन किया जा चुका है।
- हर एक जिले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल जो की दुर्घटना सम्बन्धी मामलों की सुनवाई करेगा उनकी भी स्थपना की है ।
- लोकल अदालतों को स्थायी कर दिया गया है।
- नए जजों की नियुक्ति व प्रमोशन किये गए है।
हर जिले को लगभग 66 नए अधिवक्ता मिल सकते है। हालांकि अंतिम निर्णय जनसँख्या के आधार पर किया जायेगा।
अधिवक्ताओं का चयन साक्षात्कार के माध्यम से होगा।
उन अधिवक्ताओं को वरीयता मिलेगी जो रजिस्टर्ड तो है पर उनके प्रैक्टिस कम चल रही है।
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